Monday, October 27, 2008

गरीबी

गरीबी
गरीबी जीवन का अभिशाप,
न जाने किस ज़न्म का पाप ।
ठण्ड से ठिठुरते गात,
काटते हैं खुले आसमान के नीचे रात।

कैसे मिटे उनकी भूख और प्यास,
हैं वे हर तरफ़ से निराश।
कोई करे उनके लिए प्रयास,
ताकि पूरी हो जाए उनकी आस ।

राजनीति

राजनीति
आज की राजनीति
रोक रही हमारी प्रगति।
हो गए है अंग्रेजों से आजाद
पर नेताओं के झूठे नारे कर रहे हमें बरबाद।

बंद करो अपने झूठे नारे
वादों के है खोखले सारे।
अच्छी होगी यदि राजनीति
देश करेगा तभी प्रगती ।

एकता

एकता
अनेकता में एकता,
है ये भारत की श्रेष्ठता
भाषा की है भिन्नता,
परिधानों की है विविधता
रंग अलग रूप अलग ,
धर्म अलग क्षेत्र अलग,
पर है कोई एक दूसरे से विलग
यही है हमारी एकता,
अखण्डता में एकता




भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार , भ्रष्टाचार
नेताओं में छाया है इसका संचार
ख़त्म हो गया है सादे जीवन का उच्च विचार
चारो ओर फैला दिया इसने दुराचार

आलसी, स्वार्थी लोगों ने शुरू कर दिया इसका इस्तेमाल
हो गया है लोगों पर पैसे कमाने का भूत सवार
चल रहा है चारों ओर डकैतों का राज
आओं प्रयास करके ख़त्म करें भ्रष्टाचार।